Systematic Transfer Plan: अगर आप म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी के जरिए निवेश करते हैं तो यह जानकारी आपके लिए न सिर्फ जरूरी है बल्कि काफी फायदेमंद भी साबित हो सकती है। आज हम बात करेंगे सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) की जो एक स्मार्ट इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी है।
एसटीपी की मदद से आप एक म्यूचुअल फंड स्कीम से दूसरी स्कीम में निश्चित समय अंतराल पर अपने फंड्स को ट्रांसफर कर सकते हैं। यह ट्रांसफर ऑटोमैटिक तरीके से होता है जिससे बाजार के उतार-चढ़ाव का बेहतर फायदा उठाया जा सकता है और संभावित रिटर्न बढ़ाने में मदद मिलती है।
अगर आप निवेश को ज्यादा प्रभावी और फायदेमंद बनाना चाहते हैं तो एसटीपी एक शानदार विकल्प हो सकता है।
सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) में बिना रिस्क करें निवेश
म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) एक बेहतरीन तरीका है जो रिस्क को कम करते हुए बेहतर रिटर्न पाने में मदद करता है।
STP से फंड ट्रांसफर कहां कर सकते हैं?
आप सिर्फ एक ही म्यूचुअल फंड कंपनी की अलग-अलग स्कीम्स के बीच फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। यानी यदि आपका पैसा किसी एक कंपनी की स्कीम में लगा है तो आप उसे उसी कंपनी की दूसरी स्कीम में ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन आप किसी कंपनी की स्कीम से दूसरी कंपनी की स्कीम में फंड ट्रांसफर नहीं कर सकते।
गिरते बाजार में STP है फायदेमंद
बाजार में उतार-चढ़ाव हमेशा बना रहता है लेकिन गिरते हुए बाजार में STP खासतौर पर फायदेमंद साबित होता है। यह आपके नुकसान को काफी हद तक कम करने में मदद करता है। STP की मदद से आप इक्विटी स्कीम से पैसा निकालकर डेट स्कीम में ट्रांसफर कर सकते हैं, जिससे बाजार में गिरावट के दौरान आपका पैसा सुरक्षित रहता है।
डेट स्कीम से इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर कर आप ज्यादा रिटर्न का फायदा उठा सकते हैं खासकर जब बाजार ऊपर जाने लगे। ईएलएसएस स्कीम में ट्रांसफर कर टैक्स बचत भी कर सकते हैं।
STP के प्रकार और कौन सा आपके लिए है सही?
STP मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:
फ्लेक्सिबल STP इसमें आप जरूरत के हिसाब से अलग-अलग अमाउंट ट्रांसफर कर सकते हैं। फिक्स्ड STP इसमें एक तयशुदा रकम नियमित अंतराल पर ट्रांसफर होती है। कैपिटल सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान इसमें आपका ट्रांसफर अमाउंट आपके पोर्टफोलियो पर निर्भर करता है।
STP से कैसे बढ़ाएं रिटर्न और कम करें रिस्क?
यदि बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव हो तो आप स्टेबल स्कीम्स में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके बाद जब बाजार में सुधार होने लगे, तो इक्विटी स्कीम में फंड शिफ्ट कर ज्यादा रिटर्न कमा सकते हैं। यदि आप ईएलएसएस में ट्रांसफर करते हैं तो इससे आपको टैक्स बचाने में भी मदद मिलती है।