Cricket News: श्रीलंका क्रिकेट टीम के अनुभवी ऑलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया है। भारत के रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट से ब्रेक की खबरों के बीच यह बड़ी Cricket News सामने आई है।
मैथ्यूज ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह जून में बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले पहले टेस्ट के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे।
गॉल में होगा अंतिम टेस्ट मुकाबला
एंजेलो मैथ्यूज 17 से 21 जून के बीच गॉल में होने वाले मुकाबले में आखिरी बार श्रीलंका की टेस्ट जर्सी पहनेंगे। 37 वर्षीय मैथ्यूज टेस्ट से विदा ले रहे हैं लेकिन उन्होंने साफ किया है कि वह वनडे और टी20 जैसे सफेद गेंद के फॉर्मेट में खेलते रहेंगे। उनका यह फैसला श्रीलंकाई क्रिकेट के लिए एक युग का अंत माना जा रहा है।
118 टेस्ट में बनाए 8167 रन
मैथ्यूज ने साल 2009 में टेस्ट करियर की शुरुआत की थी और अब तक 118 मैचों में 8167 रन बना चुके हैं।
यह आंकड़ा उन्हें श्रीलंका के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों की सूची में तीसरे स्थान पर रखता है। उनसे आगे सिर्फ कुमार संगकारा (12400 रन) और माहेला जयवर्धने (11814 रन) हैं।
‘एक्स‘ पर भावुक विदाई संदेश
मैथ्यूज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा,
“कृतज्ञ ह्रदय और अविस्मरणीय यादों के साथ अब समय आ गया है कि मैं खेल के सबसे अद्भुत प्रारूप से विदा लूं।”
उन्होंने आगे कहा कि जून में बांग्लादेश के खिलाफ होने वाला टेस्ट उनके करियर का आखिरी टेस्ट होगा और अब युवा खिलाड़ियों को इस प्रारूप में आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए।
श्रीलंका क्रिकेट ने सराहा योगदान
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने एंजेलो मैथ्यूज के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें “श्रीलंका क्रिकेट का असल सेवक” बताया। बोर्ड ने कहा कि,
“सत्रह वर्षों तक आपने अपनी नेतृत्व कुशलता, प्रतिबद्धता और जुनून से टीम को प्रेरित किया। लाल गेंद के क्रिकेट में आपकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी।”
साथ ही यह भी जोड़ा गया कि उन्हें सफेद गेंद के क्रिकेट में योगदान करते देखना उत्साहजनक रहेगा।
Cricket News में चर्चा का विषय बना संन्यास
मैथ्यूज का यह फैसला न केवल श्रीलंकाई फैंस के लिए भावनात्मक पल है बल्कि अंतरराष्ट्रीय Cricket News में भी चर्चा का बड़ा कारण बना हुआ है। टेस्ट क्रिकेट में उनके योगदान और लीडरशिप को हमेशा याद किया जाएगा।
एंजेलो मैथ्यूज का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास निश्चित रूप से श्रीलंका क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
उनका अनुभव, स्थिरता और बल्लेबाजी कौशल टीम को लंबे समय तक मजबूती देता रहा है। अब नजरें इस पर टिकी हैं कि वह सफेद गेंद के प्रारूप में श्रीलंका को कितनी मजबूती से आगे ले जाते हैं।