
Virat Test Retirement: 12 मई 2025 को भारतीय क्रिकेट में वह पल आया जिसने हर क्रिकेट प्रेमी को भावुक कर दिया।
विराट कोहली जिसे आज भी लोग “रन मशीन”, “किंग कोहली” जैसे नामों से जानते हैं ने अचानक टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। यह खबर जितनी चौंकाने वाली थी, उतनी ही दिल छू लेने वाली भी क्योंकि कोहली न सिर्फ एक खिलाड़ी थे बल्कि एक युग का प्रतिनिधित्व करते थे।
टेस्ट क्रिकेट जिसे ‘खेल का शुद्धतम रूप’ कहा जाता है उसमें विराट कोहली की उपस्थिति ने जुनून, संघर्ष और जज्बे को एक नई परिभाषा दी।
कोहली का यह फैसला तब आया जब वह इंग्लैंड दौरे की तैयारी में लगे थे और उम्मीद थी कि वह एक बार फिर विदेशी पिचों पर जलवा बिखेरेंगे। लेकिन उन्होंने एक लंबी यात्रा को थामकर एक नया मोड़ ले लिया।
Virat Test Retirement – विराट का आंकड़ों से सजा हुआ सफर
विराट कोहली का टेस्ट करियर सिर्फ संख्याओं तक सीमित नहीं है बल्कि उसमें जुनून, मानसिक दृढ़ता और नेतृत्व की मिसाल छुपी हुई है। फिर भी उनके रिकॉर्ड्स पर एक नजर डालना लाजिमी है:
कुल टेस्ट मैच | 123 |
बनाए गए रन | 9,230 |
औसत | 46.85 |
शतक | 30 |
अर्धशतक | 31 |
सर्वश्रेष्ठ स्कोर | 254* |
कप्तानी में टेस्ट जीत | 40 |
कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। हालांकि शुरुआत में संघर्ष रहे लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने खुद को साबित करते हुए न केवल भारत के बल्लेबाजी स्तंभ बने बल्कि कप्तानी में भी अपनी छाप छोड़ी।
उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने विदेशों में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका जैसी मजबूत टीमों को शिकस्त दी।
virat kohli retirement संन्यास की घोषणा एक सधे हुए खिलाड़ी की शालीन विदाई
विराट कोहली ने इंस्टाग्राम के ज़रिए अपने टेस्ट करियर को विराम देने का एलान किया। उन्होंने लिखा:
“सफेद जर्सी पहनना मेरे लिए सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं थी, वो मेरे गर्व का प्रतीक था। यह फैसला मेरे लिए कठिन था, लेकिन मैं शांत मन से इसे ले रहा हूं। मैंने हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की और अब जब पीछे देखता हूं तो दिल को सुकून मिलता है।”
उन्होंने इस संदेश के साथ ‘I did it my way’ गाना साझा किया, जो उनके सफर और उनकी सोच को बखूबी दर्शाता है। विराट का ये कदम उन खिलाड़ियों में गिना जाएगा, जिन्होंने खुद तय किया कि उन्हें कब रुकना है, न कि हालात ने उन्हें रोका।
कोच और प्रशंसकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
विराट के रणजी कोच सरनदीप सिंह भी इस फैसले से हैरान थे। उनका कहना था कि कोहली इंग्लैंड में खेलकर एक और शानदार शतक जमाने के मूड में थे जैसा उन्होंने 2018 में किया था।
सोशल मीडिया पर मानो सैलाब आ गया। ट्विटर पर #ThankYouVirat और #EndOfAnEra जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। एक प्रशंसक ने लिखा “क्रिकेट देखने की वजह ही विराट थे, अब टेस्ट मैच पहले जैसे नहीं लगेंगे।”
दुनिया भर से विराट को मिला सम्मान
कोहली की विदाई सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही। विदेशी मीडिया और खिलाड़ियों ने भी उन्हें दिल से विदाई दी:
- The New York Times ने लिखा, “विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में फिर से जान फूंकी और एक अरब लोगों को सपने देखने का हौसला दिया।”
- BBC के पूर्व गेंदबाज स्टीव फिन ने ट्वीट किया, “उनकी आक्रामक सोच, फिटनेस और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें दूसरों से अलग बना दिया।”
- Sydney Morning Herald में छपा, “ऑस्ट्रेलिया के लिए विराट कोहली हमेशा एक खतरनाक खिलाड़ी रहे। उनका आत्मविश्वास मैदान पर दिखाई देता था।”
एक लीडर जिसने टीम को जीतना सिखाया
विराट केवल एक अच्छे बल्लेबाज ही नहीं थे बल्कि एक ऐसे लीडर भी थे जिन्होंने टीम को ‘खेलो और जीत के लिए खेलो’ की सोच दी। उन्होंने फिटनेस को प्राथमिकता दी युवाओं को खुलकर खेलने का मौका दिया और खुद एक उदाहरण बने।
उनकी कप्तानी में भारत ने:
- ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर दो बार हराया
- 2021 और 2023 की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में जगह बनाई
- घरेलू सीरीज़ में लगभग अजेय प्रदर्शन किया
वनडे और आईपीएल में खेलते रहेगे विराट
संन्यास के बाद विराट अब वनडे और आईपीएल में खेलते रहेंगे। उनके आईपीएल फ्रेंचाइज़ी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ गहरा नाता है और वह शायद बतौर मेंटर भी भविष्य में युवाओं को गाइड करें।
कोहली के संन्यास पर उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा ने एक मार्मिक नोट लिखा:
“मैंने तुम्हें उन दिनों भी देखा है जब बाहर सबकुछ सामान्य लग रहा होता था लेकिन तुम अंदर से टूटे होते थे। यह फैसला तुम्हारा है, और मैं जानती हूं, यह भी तुम पूरी गरिमा से ही लोगे।”
निजी जीवन में विराट की गहराई
कोहली का जीवन केवल रन और ट्रॉफियों के इर्द-गिर्द नहीं घूमता। उन्होंने पिता की असमय मृत्यु के बाद जिस प्रकार खुद को संभाला वह प्रेरणादायक है। वो आज भी अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं और क्रिकेट को एक ‘सम्मान’ मानते हैं ‘काम’ नहीं।
उनका ध्यान अब शायद मानसिक स्वास्थ्य, फिटनेस प्रोग्राम, युवा क्रिकेट एकेडमी, और सामाजिक कार्यों पर भी जा सकता है। और क्यों न हो, जब विराट जैसा व्यक्तित्व मैदान से बाहर आता है, तो वो प्रेरणा बन जाता है।
निष्कर्ष
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से जाना सिर्फ एक खिलाड़ी का रिटायरमेंट नहीं है यह भारतीय क्रिकेट के एक सुनहरे दौर का अंत है। लेकिन अंत के साथ ही एक नई शुरुआत भी होती है। उनके द्वारा छोड़ा गया मार्ग आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श है।
अब जब वह सफेद जर्सी नहीं पहनेंगे तब भी उनका जुझारूपन, फिटनेस के प्रति लगन और मैच जीतने की भूख भारतीय क्रिकेट में बनी रहेगी।
हमारे विराट कोहली के प्रति कुछ शब्द: विराट आपने मैदान में सिर्फ रन नहीं बनाए आपने एक पूरी पीढ़ी को खेल से प्यार करना सिखाया। आपके सफर को सलाम!
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